रविवार, 14 जनवरी 2018

कृष्णा महावर के आर्ट परफॉरमेंस ने समां बांधा


कृष्णा महावर के आर्ट परफॉरमेंस ने समां बांधा
मूमल नेटवर्क, जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी आयोजित 20वें कला मेले के चौथे दिन यानि आज शाम 5 बजे डॉ. कृष्णा महावार द्वारा प्रस्तुत आर्ट परफॉरमेंस ने समां बांध लिया।
आर्टिस्ट के शब्दों में यह परफॉरमेंस पूरी तरह से बॉडी द्वारा सेल्फ एक्सप्लोरेशन की और एक कदम है, यह नॉन लिनियर और अमूर्त परफॉरमेंस है। जिसका मूल विचार तो चित्र के छ तत्व है परंतु प्रक्रिया के दौरान कई बार उस विचार से आगे व परे की यात्रा भी हो जाती है। जो कि किसी भी सृजन प्रक्रिया में जायज भी है। एक रेखा किस प्रकार अपनी भौतिक सत्ता रखती है या टेक्सचर और रंगो की मुठभेड़ जब शरीरों से होने लगे तो क्या कुछ नई संभावनाएं निकल कर आती हैं। रिक्त स्थल की ऊर्जा को परोक्ष रूप में स्वयं कलाकार और साथ ही दर्शक भी एक साथ महसूस करने लगते है। इसे  मुमेंट्स, साउंड्स के साथ मूर्त- अमूर्तन, पॉजिटिव-नेगेटिव,  सृजन- विध्वंस के इर्द गिर्द गूंथा गया है।

इस परफॉरमेंस की रचना के बारे में जानकारी देते हुए कृष्णा महावर कहती हैं कि, एक कला शिक्षिका होने के नाते मेरी सर्वप्रथम प्राथमिकता विद्यार्थी ही होते है। और उन्हें एक खुला और स्वतंत्र माहौल देंने के लिए कई बार मुझे सिस्टम से भी बाहर आना पडता है। मैं बहुत गहराई से सोचती हूं कि आर्ट थ्योरी को भी विसुअल तरीके से पढ़ाया जाना चाहिए....इसी प्रक्रिया में एक दिन मैंने कला के तत्वों को परफॉरमेंस के रूप में परिकल्पित किया। और इस परफॉरमेंस के लिए मेरी पहली पसंद स्टूडेंट ही रहे। मैने उन्ही के साथ मिलकर इस विचार को विकसित किया ताकि परफॉरमेंस के साथ उनका सीधा संबंध  स्थापित हो सके। आरंभिक रूप मे यह क्लासरूम का हिस्सा था बाद में एक आर्ट वर्क के रूप में विकसित हो गया।
क्या होता है आर्ट परफॉरमेंस
परफॉरमेंस आर्ट ललित कला की ही एक शैली है। यह नाटक या थिऐटर  से संबंधित नही होती है। परफॉरमेंस में अन्य कलाओ से प्रेरणा ली जा सकती है। इसमे कई बार सब कुछ रेंडम भी हो सकता हैं। इसमे तीन मुख्य तत्व होते है। एक कांसेप्ट, कलाकार का शरीर, और विशिष्ट स्थान। क्योंकि यह लाइव होती है अत: परफॉरमेंस की अवधि को कलाकार स्वयं दर्शकों की रुचि के अनुसार घटा बढ़ा सकता है।

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